ख़ाकी ख़ाकीBy 4th Estate News on October 2, 2020खाक से छन कर बनी हूं ख़ाकी तराश तराश कर चौड़ी छाती।। है मुझमें जोश और तूफान भरा निडर तत्पर और मन कड़ा।। संवेदना हैं मुझमें अनोखी निष्ठा वा सम्मान से विभूषित वर्दी।। अंगारों से लड़ना सीखा है मैंने शान्ति…