वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के कारण आज भारत वर्ष एवं समस्त विश्व कई महीनों से संपूर्ण लॉकडाउन की स्थिति में है। अब धीरे-धीरे सरकार ने लॉक डाउन नियमों में ढील देनी प्रारंभ की है, परंतु इस बात पर कोई दो राय नहीं हैं कि हर व्यक्ति को, जब वह घर से बाहर निकले तो, अपने चेहरे पर एक उपयुक्त मास्क पहनकर ही निकले ताकि यदि वह संक्रमित है तो दूसरों को संक्रमित होने से बचाएं और यदि कोई दूसरा व्यक्ति संक्रमित है तो वह खुद संक्रमित होने से बचे क्योंकि कोरोना संक्रमण छोटी-छोटी थूक आदि की बूंदे, जो बोलते समय मुंह से निकलती हैं, उन्हीं के द्वारा फैलता है।
भारत की आबादी का मुख्य हिस्सा महंगे फेस मास्क खरीदने में सक्षम नहीं है और विभिन्न तरह के महंगे मास्क जैसे N95 आदि उनके लिए खरीदना काफी मुश्किल है। विभिन्न प्रकार की अवधारणाएं समाचार पत्रों मीडिया चैनल आदि में इस विषय को उलझन पैदा करते हुए प्रस्तुत करती हैं। कई जगह तो N95 मास्क के प्रयोग को मार्केटिंग की दृष्टि से बढ़ावा दिया जाता है। इसमें कोई दो राय नहीं कि फ्रंटलाइन वर्कर्स, जो सीधे-सीधे कोविड-19 मरीज को देखते हैं या उसके संपर्क में आते हैं या अस्पताल जैसे वातावरण में काम करते हैं, उन लोगों को N95 मास्क (बिना वाल्व वाला) पहनना अति आवश्यक है।
आम आदमी को कौन सा मास्क सबसे उपयुक्त है? हमने इस विषय में कई डॉक्टरों से बातचीत करने के बाद यह निष्कर्ष निकाला कि आम व्यक्ति यदि एक सीधा सरल 3 प्लाई सर्जिकल मास्क जिसका खुदरा मूल्य, मात्र ₹5 से अधिक नहीं होना चाहिए, पहने तो वह संक्रमण को रोकने में काफी हद तक उपयोगी होता है। इसके अलावा महीन सूती कपड़े या खादी वस्त्र से 2 परत से सिलाई किया हुआ मास्क भी घर में तैयार करके उपयोग में लाया जा सकता है। यह भी काफी हद तक संक्रमण को रोकने में मददगार साबित होगा जहां काफी अधिक संख्या में लोगों से नजदीक या संपर्क आने की संभावना हो वहां कपड़े का मास्क पहनने के बाद ऊपर से एक सर्जिकल मास्क उस पर अतिरिक्त सुरक्षा की दृष्टि से पहन लें।
बाहर से जब घर में वापस आए तो सर्जिकल मास्क को कूड़ेदान में फेंक दें और कपड़े के मास्क को गर्म पानी में सर्फ या साबुन मिलाकर आधे घंटे के लिए उसमे डुबो दें और उसके बाद अच्छे से रगड़ कर स्वच्छ पानी में धोलें। उसको 8 से 10 घंटे सुखाने के बाद इस्त्री करके दोबारा प्रयोग में लाएं। यह दोनों मास्क कोरोना संक्रमण को फैलने से और उससे पहनने वाले व्यक्ति का बचाव करने में काफी हद तक सक्षम हैं। इसके साथ-साथ यदि आप किसी भी चीज को छूने के बाद अपने हाथों को 30 सेकेंड तक छह साबुन से रगड़ रगड़ कर धो लेते हैं तो आपका सुरक्षा कवच और अधिक ताकतवर हो जाएगा।
Dr. कमल बंसल समाज सेवी संस्था तरंग की उपाध्यक्ष हैं।
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