Press "Enter" to skip to content

किसानों के स्वर्णिम भविष्य की गाथा लिखते कृषि सुधार विधेयक

Sukhdev Vashist, 4th Estate News
सुखदेव वशिष्ठ

भारत के 86%छोटे किसानों को ध्यान में रख कर माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के मार्गदर्शन में केंद्रीय मंत्रिमण्डल ने कृषि संबंधी अध्यादेश 5 जून को वैश्विक महामारी कोरोना के चलते बनी परिस्थितियों के चलते स्वीकार किये थे। यह दोनो विधेयक – कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक 2020 तथा कृषक (सशक्तिकरण व संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक, 2020 लोकसभा में पारित हो चुका है। कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य विधेयक एक इको सिस्टम बनाने की बात करता है जिसमें किसानों को अपनी फसल की बिक्री की स्वतंत्रता होगी। वैकल्पिक व्यापार के माध्यम मिलने से किसानों को लाभकारी है।

मूल्य मिलने के साथ-साथ अंतर्राज्यीय व राज्य के भीतर भी व्यापार सरल-सुगम होगा। इसका मुख्य उद्देश्य किसानों द्वारा लाभकारी मूल्य प्राप्त करना ही है तांकि उनकी आय में सुधार हो सके। इस विधेयक के प्रावधानों से लेन-देन की लागत में कमी , किसानों के साथ प्रोसेसर्स , निर्यातकों, संगठित रीटेलर्स का एकीकरण तांकि मध्यस्ता में कमी आए मुख्य लाभ हैं।इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म एक कॉरपोरेट या एफपीओ, सहकारिता, समूह जैसे, द्वारा वितरण आधारित व्यापार के लिये सामूहिक रूप से स्थापित किया जा सकता है। इस अधिनीयम का प्रभाव किसी भी अन्य प्रभाव से ऊपर होगा।

शीतगृहों, वेयर हाउसों, प्रसंस्करण यूनिटों पर व्यापार के लिए अतिरिक्त चेनलों का सृजन होगा। किसानों के हितों की रक्षा के लिये देय भुगतान राशि के उल्लेख सहित डिलीवरी रसीद उसी दिन किसानों को दी जाएगी।किसानों को सशक्त बनाते हुए प्रावधान किया गया है कि केंद्र सरकार किसी भी केंद्रीय संगठन के माध्यम से किसानों की उपज केलिये मूल्य जानकारी और मण्डी आसूचना प्रणाली विकसित करेगी।किसीभी विवाद को निपटाने हेतु एक बोर्ड गठित किया जाएगा जो कि 30 दिन में निर्णय देगा।इस का मुख्य उद्देश्य ढुलाई लागत, उत्पादों की बिक्री के समय प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष लिये गये शुल्कों का भार कम करना तथा फसलोप्रांत नुकसान को कम करने में मदद करना है। कृषि उपज की एम एस पी खरीद राज्य एजेन्सियों के माध्यम से होती है और राज्य एमएसपी केंद्र/उप केंद्रो को खरीद बिंदु घोषित कर सकता है। यह किसानों को मौजूदा एमएसपी के अतिरिक्त विपणन मार्ग प्रदान कर उन्हे और भी मजबूत करेगा।

इसी तरह मूल्य आश्वासन और कृषि सेवा पर किसान (सशक्तिकरण एवं संरक्षण ) करार बिल, 2020 का उद्देश्य एक राष्ट्रीय फ्रेमवर्क का प्रावधान करना जो पारदर्शी तरीके से पारस्परिक रूप से सहमत लाभकारी मूल्य फ्रेमवर्क पर कृषि सेवाओं और भावी कृषि उत्पादों की बिक्री केलिये किसानों को कृषि व्यवसाय फर्म, प्रोसेसरों, थोक विक्रेताओं, निर्यातकों अथवा बड़े खुदरा विक्रेताओं के साथ जोड़ेगा।
इसमें किसानों और प्रायोजकों के बीच फसल कटाई-पूर्व कृषि सेवाओं के करार हेतु (न्यूनतम अवधि एक फसल मौसम या पशुओं का एक उत्पादन चक्र तथा अधिकतम पांच वर्ष) कानूनी फ्रेमवर्क स्थापित होगा। प्रायोजक आदानों को उपलब्ध करवाएगा और जोखिम वहन करता है।कृषि करार स्थानीय भाषा में होगा और प्रायोजक को कोई भी स्थाई ढांचा बनाने की अनुमति नहीं होगी और यदि बनाता है और समयावधि के उपरांत नहीं हटाता है तो स्वामितत्त्व किसान का होगा।किसानों का दायित्व आदानों की लागत और प्राप्त अग्रिमों तक होगा। इसी के साथ किसानों की भूमि के ट्रांसफर, पट्टे, मोर्टगेज पर रोक होने के साथ साथ किसानों की भूमि किसी भी वसूली से संरक्षित है।इस के अतिरिक्त एग्रीगेटर और कृषि सेवा प्रदाता तीसरे पक्ष के रूप में शामिल हो सकता है। सरकार द्वारा बीमा और ऋण को जोड़ने का प्रावधान भी शामिल है।प्रायोजक द्वारा भुगतान न करने पर देय राशि का डेढ़ गुना तक अर्थदंड लगाया जा सकता है।

यह दोनो विधेयक विभिन्न चरणों में कृषि के जोखिम से भारत के किसानों को बचा कर उन्हे आर्थिक संपन्नता की ओर ले जाने का मार्ग प्रशस्त करने में सक्षम हैं। यह भारत को आत्म निर्भर बनाते हुए परम वैभव पर लेजाने में सक्षम हैं।भारत पहले से भी अधिक समर्थ ,सक्षम होगा और असंख्य साधकों का भारत को विश्व गुरू बनाने का लक्ष्य निकट भविष्य में अवश्य ही पूरा होगा

सुखदेव वशिष्ठ एक लेखक, चिंतक और विचारक हैं।

©️ The contents of this article is property of The 4thth Estate. The publication of contents of this article without prior written permission of Editor, The 4th Estate would invite legal action.

Breaking News: